आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस /AI – क्या है जाने !

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस /AI -यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका उपयोग हम अपने जीवन को बेहतर बनांने में कर सकते है, ये टेक्नोलॉजी अभी तीव्र गति से विकास कर रही है , वर्तमान में इन्टरनेट पर बहुत सारे AI टूल्स है, जो हमारी जिन्दगी को आसन बनाने की कोशिश में है ।हमे AI के फायदे के साथ साथ उसके नुकसानो को भी ध्यान में रखना होगा आइये इसके बारे में जानते है –

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस /AI परिचय –

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / AI अर्थात कृत्रिम बुद्धिमता एक विज्ञान है जो कंप्यूटर सिस्टम को मानव बुद्धि की तरह कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो ऐसी मशीन को तैयार कर रही है जो इंसान की तरह सोच सके और कार्य कर सके। जब हम किसी मशीन को इस तरह तैयार करें कि वह मनुष्य की अकलमंदी की तरह कार्य कर सके तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

यह जो इंटेलिजेंस की ताकत होती है वह हम मनुष्य में अपने आप ही बढ़ती है कुछ देखकर, कुछ सुनकर और कुछ छूकर और फिर हम उसी के अनुरूप व्यवहार करते हैं ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर सिस्टम अथवा रोबोटिक सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सिस्टम विकसित किया गया है ताकि वह भी मनुष्य की तरह ही सोच समझ सके।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस /AI - क्या है जाने !

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत-

AI की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। लेकिन इसको पहचान 1970 के दशक में मिली। जापान ने सबसे पहले इस दिशा में ध्यान दिया और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी। इसमें सुपर कम्पुटर के विकास के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की गयी थी।

इसके बाद अन्य देशो ने भी इस ओर ध्यान दिया । ब्रिटेन ने इसके लिए एल्वि नाम का प्रोजेक्ट बनाया । यूरोपियन संघ के देशो ने एसीप्रित नाम से एक कार्यक्रम शुरुआत की थी ।इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थानों ने मिलकर AI पर लागू होने वाली तकनीको का विकास किया जैसे Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक एन्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की स्थापना की। AI के जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है जो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे ।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जनक जॉन मैकार्थी-

जॉन मैकार्थी अमरीका मे रहने वाले कंप्युटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनका जन्म 4 सितमबर, 1927 को हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर, 2011 84 वर्मेष की उम्र में हुई थी। उन्होंने “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” (एआई) शब्द को गढ़ा है।इसके अलावा उन्होंने लिस्प प्रोग्रामिंग भाषा को भी विकसित किया है ।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस /AI - क्या है जाने !

AI को बनाने मे इनका काफी योगदान रहा । मैकार्थी ने अपने करियर का अधिकांश समय स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में बिताया था।उन्होंने अपने जीवन मे कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए, जैसे कि AI के विषय में उनके योगदान के लिए उनहे ट्यूरिंग पुरस्कार, यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल मेडल ऑफ़ साइंस और क्योटो पुरस्कार जैसे सम्मानों से नवाजा गया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग-

  • कंप्यूटर गेम
  • प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण
  • प्रणाली कृत्रिम संकीर्ण बुद्धि
  • दृष्टि प्रणाली
  • आवाज की पहचान
  • बुद्धिमान रोबोट
  • स्वास्थ्य देखभाल
  • हैंडराईटिंग रिकॉग्निशन
  • सेल्फ ड्राइविंग कार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार-

  • पूर्णतया प्रतिक्रियात्मक / Fully Reactive
  • सीमित स्मृति /Limited memory
  • समस्तिष्क सिद्धांत /Theory of mind
  • आत्म चेतन /Self-consciousness

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान-

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव हर क्षेत्र में पड़ा है जिसका हमें फायदा हुआ है तो लिए हम इसके विस्तार से हुए फायदे के बारे में जानते हैं-

  • ऑटो सेक्टर में इस तकनीक से एक बड़ी क्रांति आने वाली है। निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर सेल्फ ड्राइविंग कारो का विकास किया जाएगा ।यह कार्य इंसानों के मुकाबले अधिक प्रबल ढंग से ड्राइव कर पाएगी। साथ ही दुर्घटनाओं को कम करने में भी सफलता मिलेगी।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के माध्यम से जटिल एवं स्ट्रेसफुल कार्यों को आसानी से एवं कम समय में कुशलता पूर्वक किया जा सकता है जिन्हें पूरा करने में मनुष्य को काफी समय लग सकता है।
  • मशीनों के द्वारा बिना थके कम समय में अधिक समय तक काम किया जा सकता है और साथ ही उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है।
  • चिकित्सा के क्षेत्र में आई ने काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है अब इसके माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के डायग्नोसिस सटीक तरीके से की जा सकती है, चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल इमेजिंग जैसे एक्स-रे सीटी स्कैन एमआरआई स्कैन मेंइस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
  • साइबर सिक्योरिटी में AI का प्रयोग काफी बड़ा है इसका इस्तेमाल नेटवर्क ट्रेफिक में पैटर्न और विसंगतियों की पहचान के लिए ज्यादा किया जा रहा है ताकि संभावित हमले से बचा जा सके यह User Authentification और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए भी मदद करता है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा फायदा इसका ऑटोमेशन है और इसका संचार परिवहन उपभोक्ता उत्पादों और सेवा उद्योगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है ,स्वचालन से न केवल कच्चे माल का अधिक कुशलता पूर्ण उपयोग बढ़ा है बल्कि बेहतर उत्पाद की गुणवत्ता, कम लीड समय और बेहतर सुरक्षा भी मिलती है, ऑटोमेशन से उन संसाधनों को मुक्त करने में सहायता मिलती है, जिनका उपयोग किसी अन्य जगहों पर बेहतर तरीके से किया जा सकता है।
  • ऑटोमेटिक ग्रेडिंग सिस्टम मूल्यांकन प्रक्रियाओं को स्वभाव व्यवस्थित कर सकते हैं, जिससे शिक्षकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन और समर्थन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, AI पैटर्न की पहचान करने के लिए बड़ी मात्रा में उत्तर का विश्लेषण कर सकता है, जिससे शिक्षकों को पाठ्यक्रम डिजाइन और शिक्षण पद्धतियों को बेहतर बनाने के लिए डाटा संचालित निर्णय लेने में मदद मिलती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान-

जहां किसी भी तकनीक के आने से कुछ फायदा होता है, तो वहीं दूसरी ओर उसके कुछ नुकसान भी होते हैं तो आईए जानते हैं AI होने वाले कुछ नुकसान के बारे में-

  • AI से बढ़ेगी बेरोजगारी-कई कंपनियों में स्मार्ट वर्क के लिए AI का इस्तेमाल होना प्रारंभ हो गया है ,इसके परिणाम स्वरूप लोगों को कंपनियों से बाहर निकाला जा रहा है और जिससे लोग बेरोजगार हो रहे हैं।
  • सिक्योरिटी का डर-AI के माध्यम से किसी व्यक्ति के ऑनलाइन गतिविधियों के डाटा को अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे उनकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
  • AI में मनुष्य के स्थान पर मशीनों से कम लिया जाएगा। मशीने स्वयं ही निर्णय लगी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे मनुष्य के लिए खतरा बढ़ सकता है ।वैज्ञानिक इसे सबसे बड़ा खतरा तब मानते हैं, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए मशीने बिना मानवीय हस्तक्षेप के नैतिक प्रश्नों पर फैसला लेने लगेगी , जैसे –जीवन सुरक्षा ,सामाजिक संबंध आदि से जुड़े फैसले ।इससे मनुष्य के अस्तित्व पर खतरा बन सकता है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इमोशंस की कमी है यानीं यह मानव भावनाओं को नहीं समझ सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-AI के बारे में लिखा एलोन मश्क ने –

“The pace of progress in artificial intelligence (I’m not referring to narrow AI) is incredibly fast. Unless you have direct exposure to groups like Deep mind, you have no idea how fast—it is growing at a pace close to exponential. The risk of something seriously dangerous happening is in the five-year time frame. 10 years at most.”

—Elon Musk wrote in a comment on Edge.org

इन्टरनेट पर उपलब्ध कुछ AI टूल्स –

  • Google bard गूगल का फ्री AI टूल इसे आप उपयोग में ले सकते है बिना किसी शुल्क के ।
  • Chat GPT ओपनएआई द्वारा बनाया गया है, जिसका आधार जीपीटी-3.5 आर्किटेक्चर पर है। यह प्राकृतिक भाषा समझने और उत्पन्न करने में माहिर है।
  • BING AI – यह चैट गुप्त 4 पर आधारित AI टूल है जिसे आप फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • Microsoft Copilotमाइक्रोसॉफ्ट का यह ए टूल भी चैट GPT-4 पर आधारित है इसे आप एंड्रॉयड फोन और विंडो 11 में उपयोग में ले सकते हैं बिना किसी शुल्क के।

इस पोस्ट में अपने जाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में, इसके प्रकारों के बारे में और इसके फायदे और नुकसान के बारे में। उम्मीद है आपको इस पोस्ट से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हुई होगी । अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर शेयर करें। आई और अन्य टेक्नोलॉजी से जोड़ी खबरों के लिए हिंदी दृष्टि से जुड़े रहे हैं।

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