VIDHYA SAGAR JI MAHARAJ -जैन धर्म के आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में रात्रि 2:30 पर ली अंतिम सांस। आज दोपहर 1 बजे होगा देह पंचतत्वो में विलिन ।
Acharya Vidyasagar Ji Maharaj:
दिगंबर संत जैन मुनि संत शिरोमणि आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, आचार्य श्री ने पिछले तीन दिनों से संलेखना धारण कर ली थी और उन्होंने अपने पद का त्याग करते हुए उपवास और अखंड मौन धारण कर लिया था। आचार्य श्री ने 17 फरवरी शनिवार की रात 2:35 मिनट पर छत्तीसगढ़ राज्य के चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में अंतिम सांस ली।
महानिराज का डोला राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ स्थल पर रविवार को दोपहर एक बजे पंचतत्व में विलीन किया जाएगा। हजारों की संख्या में मुनिराज के दर्शन करने के लिए जैन धर्म के लोग उपस्थित हैं, इसके साथ ही बहुत संख्या में संत भी उपस्थित है।
Acharya Vidyasagar Ji Maharaj लाइव प्रसारण –
आचार्यश्री की समाधि का जैन धर्म के सभी धार्मिक चैनल यथा-पारस टीवी, जिनवाणी चैनल, आदिनाथ टीवी सभी लाइव प्रसारण कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने टीवी के ऊपर देख सकते हैं और इसके अलावा इसका प्रसारण यूट्यूब के ऊपर भी किया जा रहा है। लाइव प्रसारण आप यहां देख सकते हैं-
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पारस टीवी चैनल का लाइव प्रसारण –
जानिए कौन है VIDHYA SAGAR JI MAHARAJ-
जैन धर्म के सबसे ज्यादा विख्यात आचार्य संत श्री विद्यासागर जी महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 (विक्रम संवत 2003) को कर्नाटक के बेलगांव जिले (सदलगा) के ग्राम चिक्कोड़ी में आश्विन शुक्ल पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) के दिन हुआ था। आपका पूर्व का नाम विद्याधर था, आपको आचार्य श्रेष्ठ महाकवि ज्ञान सागर जी महाराज का शिष्यत्व प्राप्त होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
आचार्यश्री मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी थे, इसके बाद भी श्री विद्यासागर जी महाराज को हिंदी, संस्कृत, प्राकृत, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान था, और इन्होंने इन भाषाओं में लेखन भी किया है।
आचार्यश्री VIDHYA SAGAR JI MAHARAJ ने अपने जीवन में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र,, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड इत्यादि राज्य में विहार किया है।
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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने हिंदी भाषा अभियान के लिए अपना समर्थन दिया। हिंदी भाषा, मातृभाषा को हम भूल नहीं और’ इंडिया’ नहीं “भारत” बोले, इसके लिए भी आपने मार्गदर्शन में प्रेरणा दी है।
“दूसरों के हित के लिए अपने सुख का त्याग करना ही सच्ची सेवा है “
Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj
VIDHYA SAGAR JI MAHARAJ के प्रेरणादायक कोटेशन-
प्रेरणादायक उद्धरण
- जिन्हें सुंदर वार्तालाप करना नहीं आता, वही सबसे अधिक बोलते हैं
- दूसरों के हित के लिए अपने सुख का त्याग करना ही सच्ची सेवा है
- जो नमता है, वह परमात्मा को जमता है
- सम्यकत्व से रिक्त व्यक्ति चलता-फिरता शव है
- चार पर विजय प्राप्त करो- १. इंद्रियों पर २. मन पर ३. वाणी पर ४. शरीर पर
- डरना और डराना दोनों पाप है
- पहले मानव बनें, मोक्ष का द्वार स्वतः खुल जाएगा
- सहिष्णुता कायरता का चिह्न नहीं है, वीरता का फल है
- जिसने आत्मा को जान लिया, उसने लोक को पहचान लिया
VIDHYA SAGAR JI MAHARAJ परिचय –
जन्म | आश्विन शरदपूर्णिमा विक्रम संवत 2003 (10 अक्टूबर1946) |
जन्म स्थान | चिक्कोड़ी ,सदलगा, बेलग्राम, कर्नाटक |
पिता | श्रेष्ठी श्री मलप्पा पारसप्पा जी अष्टगे |
माता | श्रीमती श्रीमतीजी |
जन्म नाम | विद्याधर |
भाई- बहन | दो छोटे भाई अनंतनाथ तथा शांतिनाथ, बहिनें शांता व सुवर्णा |
दीक्षा | अजमेर में आषाढ शुक्ल पंचमी, वि.सं. 2025, रविवार, 30 जून 1968 ईस्वी को लगभग 22 वर्ष की उम्र |
आचार्य पद | अजमेर, राजस्थ। मगसिर कृष्ण द्वितीया, संवत 2029, बुधवार, 22 नवम्बर,1972 ईस्वी, आचार्य श्री ज्ञानसागर जी |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा –
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024
🙏🙏🙏आज के युग के भगवान आचार्य भगवन संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के श्री चरणों में बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏🙏🙏